स्टर्नम (Sternum)

स्टर्नम (Sternum):-



  • यह संरचना अस्थि व उपास्थि से मिलकर बनी (osteo-cartilagenous) होती है तथा वक्षीय गुहा (thoracic cavity) के फर्श पर मध्य में स्थित होती है।
  • यह कुल सात टुकड़ों (sternal segments) से मिलकर बनी होती है।
  • इसमें दो सतह (surfaces), दो किंनारे (borders) तथा दो सिरे (extrimities) होते है।
  • पृष्ठ सतह आगे की ओर संकरी (narrow) व पीछे की ओर चौड़ी (broad) होती है।
  • इसकी ऊपरी सतह वक्ष (thorax) का फर्श बनाती है तथा निचली सतह से अंशीय (pectoral) व उदरीय (abdominal) माँसपेंशिया जुड़ी होती है।
  • इसकी दोनों सतहों पर अनुप्रस्थ रेखायें होती है जो दों निकटबर्ती खण्डों (stermebrae) के जोड़ को दर्शाती है।
  • इसके दोनों किनारों पर 8 जोड़ी पसलियाँ आकर जुड़ती है।
  • अग्र सिरे के प्रथम खण्ड को मेन्युब्रियम (nmianubrium) व पश्च सिरे पर स्थित उपास्थि को जिफोइड (xiphoid) उपास्थि कहते हैं।

                    



घोड़ा (Horse) :

  • इसमें कुल सात खण्ड (sternebrac) होते हैं।
  • यह नाव (boat) काआकृति की होती है।
  • इसमें तीन सतह, तीन किनारे व दो सिरे होते हैं।
  • इसकी निचली सतह को keel या crest कहते हैं।

कुत्ता (Dog):

  • इसमें कुल आठ खण्ड (sternebrae) होते हैं।
  • प्रारम्भ में ये सभी जुड़े हुए नहीं होते परन्तु आयु बढ़ने के साथ ये आपस में जुड़ जाते है।

मुर्गा (Fowl):

  • यह चतुष्फलकाय (quadrilateral ) प्लेट के जैसी होती है तथा यह वक्ष का फर्श बनाती है।
  • इसकीआकृति ऊपर से अवतल (concave) होती है तथा पीछे की ओर एक प्रवर्ध होता है जिसे मेटास्टर्नम (metasternum) कहते है।
  • इसकी निचली सतह पर अच्छी तरह से विवासित keel या crest होती है।
  • इसके आगे के सिरे पर एक प्रवर्ध रॉस्ट्रम (Rastrum) होता है जिससे फरक्यूला (ferculla) आकर जुड़ती है।

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